अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस 2020

कहा जाता है कि नारी मनुष्य जीवन का आधार है। यदि नारी न होती तो किसी पुरुष का जन्म न होता। एक महिला को हमारे शास्त्रों में देवी का स्थान दिया गया है। हमारे समाज में विभिन्न रूपों में नारी की पूजा की जाती है। किंतु वहीं दूसरी ओर हमारे समाज में जन्मी हर महिला को कभी न कभी, किसी न किसी रूप में शोषित होना पड़ता है। हम बात करेंगे अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (International Day for the elimination of Violence Against Women) के बारे में। आइए जानते हैं क्या मतलब है इस दिन के और कैसे शुरू हुआ इसका सफ़र?
Starting of International Day for the elimination of violence against women-
विश्वभर में हर साल 25 नवंबर के दिन International Day on violence against women मनाया जाता है। United Nation 2008 से लेकर 2030 तक महिला हिंसा उन्मूलन program के तहत ‘The Unite Campaign* चला रहा है। इस दिन और इस कार्यक्रम को चलाने का मुख्य मकसद महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा व अपराधों को रोकना व नारी सशक्तिकरण के विषय में जागरूकता लाना है।
Violence against women-
हमारे समाज में भले ही मां दुर्गा व मां लक्ष्मी की पूजा की जाती हो लेकिन समाज में आज भी एक महिला के अधिकारों को लेकर लोगों की मानसिकता काफ़ी पिछड़ी हुई है। जहाँ एक ओर महिलाएं समाज में शिक्षा, खेल-कूद, राजनीति, सिनेमा, व सेना जैसे हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं वहीं दूसरी और उन्हें rape, dowry death, sexual harassment जैसे घिनौने अपराधों का सामना करना पड़ता है।
- हाल ही के कुछ आंकड़ो के अनुसार दुनिया भर में 79% महिलाओं को insecure व unsafe जीवन जीना पड़ता है।
- दुनिया भर में करीब 0.65 billion लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले की गई है।
- यही नहीं WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार हर दिन 4 में से 1 महिला किसी न किसी तरह शारीरिक व मानसिक हिंसा का शिकार होती है।
- 2018 में थॉमस रॉयटन ने एक रिपोर्ट में लिखा कि भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित जगह है।
Unbelievable initiatives to eliminate the violence against women-
जहां समाज में हर तरफ नारी को हमेशा कम आंका जाता है व उसे नीचा दिखाने की पूरी कोशिश की जाती है। ऐसे में डेरा सच्चा सौदा एक ऐसी संस्था है, जो नारी सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा बहुत से ऐसे initiatives चलाये गए हैं जो महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने व उन्हें समाज में उचित स्थान दिलाने में सहायक हैं।
Stop Female Feticide-

डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों अनुयायी अपने spiritual master की शिक्षा का पालन करते हुए कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हैं व गर्भ में पलने वाली बच्चियों को मारने से रोकते हैं। गुरुजी ने अपने हर सत्संग में सभी लोगों से ये आह्वान किया है कि वे लड़कियों को गर्भ में मारें नहीं और यदि कोई दम्पति लड़की का पालन पोषण नहीं कर सकता तो वो लड़की को डेरा सच्चा सौदा में सौंप सकते हैं, जहां उनकी शिक्षा व देखरेख का पूरा प्रबंध है।
Royal Daughters-

अक्सर समाज में वंश बढ़ाने के लिए लड़के की चाह रखने वाले लोग कई बार लड़के की उम्मीद में लड़कियां पैदा कर देते हैं व बाद में उसे या तो किसी कूड़ेदान में मरने के लिए फेंक देते है अथवा उसे किसी अनाथ की तरह कहीं अकेला छोड़ देते हैं। ऐसी ही करीब 25 बच्चियों को डेरा प्रमुख द्वारा पिता के रूप में गोद लिया गया है जिन्हें नाम दिया गया है ‘शाही बेटियां’। इन बच्चियों के पालन पोषण डेरा सच्चा सौदा में बड़े ही अच्छे से किया गया है व इनकी पूर्ण शिक्षा व खेल-कूद का भी यहां नायाब प्रबंध है। इन बच्चियों में से आज कुछ तो national और international level पर champion हैं।
Stop child marriage-

समाज में अधिकतर वर्ग में लड़कियों से पीछा छुड़ाने के लिए उनकी बचपन में ही शादी कर दी जाती है। यह पूर्णतः नियति के खिलाफ हैं और ऐसा करना दंडनीय अपराध भी है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाये गए stop child marriage initiative के तहत लड़कियों की कम उम्र में होने वाली शादी को रोक जाता है और उनके माता पिता को उनकी शिक्षा व अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है। क्योंकि शिक्षा प्राप्त करना एक लड़की का भी समान अधिकार है।
Self Defense training and Self Esteem for women -

महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूष से कम नहीं है। हर field में नाम कमाकर लड़कियों ने विश्व भर में अपने देश का मान बढ़ाया है। इस उड़ान को हौंसला देने के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सीखाने के लिए self defense training camps का आयोजन किया जाता है। क्योंकि पूज्य गुरु जी का मानना है कि लड़कियों को अबला नहीं बल्कि सबला बनकर जीना चाहिए। इसके साथ ही देश भर में अनेकों जगह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम्प्यूटर परीक्षण सेंटर व सिलाई सेंटर खोले गए हैं। जिसके द्वारा महिलाएँ अपने घर का खर्च आसानी से चला सकती है। गत 23 सितंबर 2020 को भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 23 सिलाई मशीन बांटी गई।
Dowry Free Marriage-

दहेज प्रथा हमारे समाज पर एक कलंक है। दहेज के लिए लाखों महिलाओं को प्रताड़ित होना पड़ता है व अनेकों महिलाएं इस दहेज प्रथा की बलि चढ़ जाती है। ऐसी प्रथा को समाज से खत्म करने के लिए डेरा सच्चा सौदा के द्वारा एक मुहिम शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत लड़का व लड़की डेरा में वरमाला पहना कर शादी करते हैं। ऐसी शादी में लड़के वालों की तरफ से किसी प्रकार के दहेज की मांग नहीं की जाती। ऐसी शादी को हमारे शास्त्रों में ‘ब्रह्म विवाह’ का खिताब दिया गया है।
Crown of lineage to end gender based discrimination-

अब लड़कियां भी बढ़ा सकती है, माँ बाप का वंश l अक्सर अकेली लड़कियों के माता-पिता को यह चिंता रहती है कि बिना लड़के के उनका वंश कैसे आगे बढ़ेगाऔर बुढ़ापे में उनकी संभाल कौन करेगा l किन्तु अब इस विषय पर इकलौती बेटी के माँ बाप को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। डेरा सच्चा सौदा के पूजनीय गुरु Saint Dr MSG द्वारा शुरू की गई मुहिम ‘Kul ka crown initiative के तहत जिन दम्पति की इकलौती सन्तान लड़की हो, तो वह लड़की डेरा सच्चा सौदा में शादी कर के लड़के को जो ऐसी लड़कियों और उसके माता पिता के ताउम्र सहारा बनने को तैयार है, जिन्हें भक्त मर्द गाजी का नाम दिया गया है, ब्याह कर अपने घर ले जा सकती है। डेरा सच्चा सौदा में अब तक ऐसी कई अनोखी शादियां हो चुकी हैं ,जहां लड़की बारात लेकर जाती है और दूल्हे को विदा करवाकर अपने घर ले जाती है।
Stop Prostitution-

समाज में एक वर्ग ऐसा भी है जो पैसे के लालच में अपनी बेटियों को बेच देता है, जिस से समाज की ऐसी अनेकों बेटियां जिन्हें सम्मान से जीने का अधिकार है गदंगी के ढेर में धकेल दी जाती हैं। ऐसी ही वेश्यावृत्ति के चंगुल में फंसी महिलाओं के उद्धार के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा एक initiative चलाया गया है stop prostitution जिसके तहत इन वेश्यावृत्ति में फंसी लड़कियों को आज़ाद करवा कर इनकी शादी करवाई जाती है। आज डेरा अनुयायियों के लाखों परिवार ऐसी लड़कियों को अपनी बेटी व बहु बनाकर स्वीकार करने को तैयार है। गुरु जी द्वारा ऐसी बेटियों को ‘शुभ देवी’ का नाम दिया गया है व इनका कन्यादान भी एक पिता की तरह गुरुजी द्वारा ही किया जाता है। गुरु जी के एक आह्वाहन पर ऐसी इन लड़कियों से शादी करने को 1500 से भी पढ़े लिखें लड़के आगे आए है l
जननी सत्कार-

डेरा सच्चा सौदा द्वारा की गई इस पहल के तहत अनेकों जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को उचित पौष्टिक आहार व दवाइयां दी जाती हैं। जिससे की आने वाला बच्चा कुपोषण का शिकार न हो। इस मुहिम के तहत अब तक डेरा द्वारा लाखों गर्भवती महिलाओं की देख रेख की गई है व आगे भी की जा रही है।
Gender equality-

डेरा सच्चा सौदा की इस मुहिम के अन्तर्गत अब बेटियों को अपने हक के लिए लड़ने की जरूरत नहीं। अब लड़कियों को भी लड़कों के बराबर सम्पति में से हिस्सा मिलेगा व लड़कियां भी अब शसक्त होंगीं। यही नहीं डेरा द्वारा उठाये गए इस कदम के अनुसार अब बेटियां भी अपने पिता की अर्थी को कंधा दे सकती हैं। अर्थात् जहां समाज में सिर्फ बेटों के नाम का डंका बजाकर बेटियों को पीछे रखा जाता है। वहां अब बेटियां भी हर फ़र्ज़ हक से अदा कर सकेंगी।
Inspiration behind all these Incredible Welfares-

समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने व उनके स्थान को उच्च दर्जा दिलाने में सहयोगी संस्था डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों अनुयायीयों की प्रेरणा का एकमात्र स्त्रोत उनके गुरु, mentor व spiritual master Saint Dr.Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan जी है l जिन्होंने अपने करोड़ों अनुयायियों को महिलाओं और लड़कियों का सम्मान करने और उन्हें बराबर का हक्क देने के लिए प्रेरित किया और women empowerment के लिए अनोखे initiatives चलाएl ऐसी शिक्षा व ऐसे शिक्षक को हम प्रणाम करते हैं।
Conclusion-
दोस्तों समाज में रहने वाली एक महिला कोई भी हो सकती है। वो हमारी माँ, बहन, बेटी या पत्नी जो कोई भी हो उसे पूरे अधिकार से समाज मे जीना चाहिए और इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खिलाफ होने वाले जुल्म पर रोक लगे ताकि वे भी समाज में खुद को सुरक्षित महसूस करें।